ज़िन्दगी का अजब फ़साना है, रोते रोते भी मुस्कुराना है। इश्क़ में जानते है जान गई, फिर भी कहते है आज़माना है। कैसी मुश्किल है कोई क्या जाने, आग को आग से बुझाना है। दिल लगाया था पर न थी ये खबर, मौत का ये भी एक बहाना है। 'Maahir'