भगवद्गीता में कई विद्याओं का उल्लेख आया है, िनमें चार प्रमुख हैं :- अभय विद्या, साम्य विद्या, ईश्वर विद्या और ब्रह्म विद्या। अभय विद्या- मृत्यु के भय को दूर करती है। साम्य विद्या- राग-द्वेष से छुटकारा दिलाकर जीव में समत्व भाव पैदा करती है। ईश्वर विद्या- के प्रभाव से साधक अहं और गर्व के विकार से बचता है। ब्रह्म विद्या- से अंतरात्मा में ब्रह्मा भाव को जागता है। Paavan Teerth