मैं नहीं कहता कि मैं ही कहता हूं,मैं तो कहता हूँ कि मैं भी कहता हूं‼️ कहाँ किसकी जीत हार होगी?जान लें! रााजस्थान में एक कहावत है कि नाई नाई बाल कितने? कि जजमान! जस्ट वेट अभी सामने आ जाएंगे।यही कहावत आज मुझे दोहरानी पड़ रही है। जिस उम्मीदवार को देखो वही अपनी जीत के दावे कर रहा है। ऐसा लग रहा है कि दो सौ सीट के लिए दो हज़ार लोग जीतने वाले हैं। चुनाव लड़ने वाले भले ही डरे सहमे अपने अपने ईश्वर अल्लाह को याद कर रहे हों मगर उनके समर्थक तो ऐसा व्यवहार कर रहे हैं जैसे उनके नेता जी की जीत तो उनकी वज़ह से ही हो चुकी है। ज़रा किसी से उनके नेता की हार के समीकरण बताने लगो तो ऐसे गुर्राने लगते हैं जैसे बटका ही भर लेंगे। पिछले दिनों मैंने ऐसे बड़बोले मूर्खों से ख़ूब मुक़ाबला किया। जिस नेता जी की मैंने हालत पतली बता दी उनके चिल्गोज़े मेरे ऊपर टूट कर पड़ गए। जैसे मेरे लिख देने से ही उनके नेता जी हार जाएंगे। जैसे आठों विधानसभाओं में मैं ही किसी नेता जी को जितवा और दूसरों को हरवा रहा हूँ। असलियत तो यह है कि पत्रकार सिर्फ़ अपनी अक़्ल और नज़रिए का इस्तेमाल करते हैं । उनका आंकलन उनकी निजी बुद्धि पर टिका होता है। ज़रूरी नहीं कि वह जो कह रहे हैं वह ही अंतिम सत्य है। पत्थर की लक़ीर है। तो हमेशा अपने आंकलन को लेकर किसी तरह की ज़िद नहीं रखता। मैं नहीं कहता कि मैं ही कहता हूं। मैं तो कहता हूँ कि मैं भी कहता हूँ। पत्रकारों का काम होता है समय को पढ़ना और पढ़े हुए को प्रस्तुत करना। जो लोग यह सोचते हैं कि पत्रकार ब्रह्मा जी होते हैं । सृष्टि के रचयिता होते हैं। वही नेताओं के भाग्य विधाता होते हैं यह उनकी अल्पबुद्धि का परिचायक ही है। चुनावो को लेकर प्रायः यह होता है कि कोई अपनी निंदा सुनना ही पसंद नहीं करता। जिसको कमज़ोर बता दो लगता है जैसे उसकी पूंछ पर पैर रख दिया हो। इतनी आवाज़ें आती हैं कि लगता है पत्रकार से कोई पाप हो गया हो। जिस नेता को जीतता हुआ बता दो उसके समर्थक सराहना नहीं करेंगे मगर जिसे आप हारा हुआ बता दो उसके समर्थक कपड़े फाड़ने पर उतारू हो जाएंगे। मित्रों! किसी भी सीट पर कितने भी दिग्गज खड़े हों सब तो जीत नहीं सकते। जो जीतेगा सिकन्दर वही होगा। लेकिन परिणाम से पहले टुच्चे नेता भी ख़ुद को सिकन्दर के पिता मान कर चल रहे होते हैं। पिछले दिनों मैंने अजमेर की आठों विधानसभा का आंकलन प्रस्तुत किया।कौन जीतेगा ? कौन हारेगा यह कभी नहीं लिखा। हां नज़दीकी टक्कर किस किस के बीच है यह ज़रूर लिखा। आप ताज़्ज़ुब करेंगे कि यह बात भी लोगों के गले नहीं उतरी। अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का अधिकार सबको है।आपको है तो मुझे भी है। यह तो नहीं हो सकता कि कोई पत्रकार वही लिखे जो आप सुनना चाहते हैं। जब ज़रूरी नहीं कि आप मुझसे सहमत हों तो मैं भी आपसे सहमत होऊं यह भी ज़रूरी नहीं। ऐसे लोग जो मेरी बात से इक़तफ़ाक नहीं रखते उनसे मुझे कोई शिक़ायत नहीं और यदि किसी को मुझसे शिक़ायत हो तो क्षमा याचना करता हूँ। आज फिर आठों विधानसभाओं के लिए लिख रहा हूँ। ब्यावर में सीधी टक्कर मेरे हिसाब से कांग्रेस के पारस पंच और इंदर सिंह बागावास के बीच है। अब यह कहूँगा कि भाजपा के शंकर सिंह रावत तीसरे स्थान पर जा सकते हैं तो कही मित्र बुरा मान जाएंगे अतः मैं लिख रहा हूँ कि शंकर सिंह रावत ही चुनाव जीतेंगे। यह लिखने में भी मेरे क्या फ़र्क़ पड़ता है? केकड़ी में सीधी टक्कर भाजपा और कांग्रेस के बीच है। भाजपा के शत्रुघ्न गौतम कांग्रेस के रघु शर्मा पर भारी पड़ रहे हैं मगर फिर वही सावधानी ! नाराज़ होने वालों के लिए लिख रहा हूँ कि रघु शर्मा 25 हज़ार से जीतेंगे। मसूदा में मेरे हिसाब से आर एल पी के सचिन सांखला मज़बूत स्थिति में हैं। भाजपा के वीरेन्द्र कानावत उनसे सीधी टक्कर में हैं। वाज़िद अली चीता के साथ कुछ मजबूरियां जरूर नज़र आ रही हैं। किशनगढ में निर्दलीय सुरेश टांक सबसे मज़बूत स्थिति में हैं। उनके और कांग्रेस के डॉ विकास चौधरी के बीच टक्कर ज़रूर है मगर जीतना टांक का ही तय है। मेरे इस आंकलन पर यदि किसी को ठेस पहुंची हो तो लिख रहा हूँ कि भाजपा के भागीरथ चौधरी भारी मतों से विजयी होंगे। पुष्कर में भाजपा के सुरेश रावत ही सिकन्दर होंगे मगर यदि कुछ कट्टर समर्थक यह मानते हों कि यह लिख कर मैंने सच का साथ नहीं दिया तो क्षमा के साथ कह देता हूँ कि नसीम अख्तर यह चुनाव जीतने जा रही हैं। अशोक रावत और डॉ बाहेती के चाहने वालों के लिए यह सूचना कि उन दोनों की ज़मानत बच जाएगी। और बेहतर सुनना चाहें तो ये कि टक्कर दोनों के बीच ही है। अजमेर उत्तर से मेरा मानना है कि टक्कर कॉन्ग्रेस के महेन्द्र सिंह रलावता और निर्दलीय उम्मीदवार ज्ञान सारस्वत के बीच हैं। कौन जीत जाए कहा नहीं जा सकता। जो लोग भाजपा के देवनानी जी को जीता हुआ मान रहे हैं उनको शुभकामनाएं। ईश्वर उनको भारी मतों से विजयी बनाए। अजमेर दक्षिण से भाजपा की अनीता भदेल चुनाव जीतने जा रही हैं। यह मेरी निजी राय है मगर आप चाहें तो द्रोपदी बहन को भी जीता हुआ मान सकते हैं। मुझे ख़ुशी होगी। नसीराबाद से वैसे तो भाजपा के रामस्वरूप लाम्बा जीतते दिखाई दे रहे हैं मगर आप चाहें तो शिव प्रकाश को भी जितवा सकते हैं। Pavan Kumar 'Paavan'