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A personal blog by Pavan Kumar "Paavan"
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8:28 PM
Article Published by : PAVAN KUMAR SHARMA,' PAAVAN &MAAHIR
जब कभी मन मे व्यथा हो आँसूओं का संग जुदा हो बात मन की कह सको ना तब मुझे तुम याद करना। मुझसे तुम संवाद करना व्यक्त सब जज्बात करना मै सुनूँगा सब धीर रखकर और मार्ग भी प्रशस्त करूँगा। जानता हूँ बहुत कठिन यह गैर से निज जज्बात कहना पीर जब नासूर बनने लगे बेहतर होता उपचार करना। है यही बस वश मे अपने दीप बन जलूँ, तम मिटाऊँ खुद की खातिर जी चुका अब किसी के काम आऊँ।
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