Some Two Liners दुनिया में सब चीज मिल जाती है, केवल अपनी गलती नहीं मिलती! बुलंदी की उडान पर हो तो, जरा सब्र रखो। परिंदे बताते हैं कि, आसमान में ठिकाने नही होते! चढ़ती थीं उस मज़ार पर चादरें बेशुमार, लेकिन बाहर बैठा कोई फ़क़ीर सर्दी से मर गया! कितनी मासुम सी ख़्वाहिश थी इस नादांन दिल की, जो चाहता था कि शादी भी करूँ और ख़ुश भी रहूँ ! छत टपकती है उसके कच्चे घर की , वो किसान फिर भी बारिश की दुआ माँगता है! तेरे डिब्बे की वो दो रोटिया कही भी बिकती नहीं, माँ, होटल के खाने से आज भी भूख मिटती नहीं! इतना भी गुमान न कर आपनी जीत पर ऐ बेखबर शहर में तेरे जीत से ज्यादा चर्चे तो मेरी हार के है! सीख रहा हूं अब मैं भी इंसानों को पढने का हुनर, सुना है चेहरे पे किताबों से ज्यादा लिखा होता है! लिखना तो ये था कि खुश हूँ तेरे बगैर भी, पर कलम से पहले आँसू कागज़ पर गिर गया! मैं खुल के हँस तो रहा हूँ फ़क़ीर होते हुए, वो मुस्कुरा भी न पाया अमीर होते हुए! Pavan Kumar 'Paavan'