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A personal blog by Pavan Kumar "Paavan"
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7:51 PM
Article Published by : PAVAN KUMAR SHARMA,' PAAVAN &MAAHIR
ग़ज़ल दोस्तों पेश-ए-ख़िदमत है मेरी लिखी नयी ग़ज़ल. आज सुब्ह मेरी नींद भी नहीं टूटी थी जब इस ग़ज़ल का एक मिसरा मेरे मन में कौंध गया जिस पर पहले मैंने ग़ज़ल का मतला बनाया और फिर पूरी ग़ज़ल कह दी! मिसरा इस प्रकार है-"मिलने तू आ जा कभी शाम ढले घर मेरे"! पेश है पूरी ग़ज़ल,अर्ज़ किया है- तेरी भी प्यास बुझा देंगे लब-ए-तर मेरे मिलने तू आ जा कभी शाम ढले घर मेरे//1 मेरा मंज़िल की तशफ़्फ़ी से सरोकार नहीं मुझको भटका दे रह-ए-इश्क़ में रहबर मेरे//2 फ़ौक़ियत अब मेरी क़ुनबे में कहाँ बाक़ी रही हो गये तिफ़्ल भी अब क़द में बराबर मेरे//3 देते हैं उनको तो तनख़्वाह मेरे बच्चे अब अब मेरी बात कहाँ सुनते हैं नौकर मेरे//4 अब तो'इरशाद'भी करते नहीं महफ़िल में कभी लोग जो सुनते थे अशआर मुकर्रर मेरे//5 रह गये लफ़्ज़ मेरे ख़ाली मकानों की तरह ले गया कौन ख़्यालात चुरा कर मेरे//6 तूने क्या छू दिया चाहत की हरी डाली को हो गये ग़ुंचा-ए-अहसास मोअत्तर मेरे//7 करनी होगी तुझे मर कर भी तलाफ़ी इक दिन कब तलक ख़ुश रहेगा पैसे दबाकर मेरे//8 'Maahir'आएगा पस-ए-मर्ग तेरे मयख़ाने घूँट दो पीने को ऐ साक़ी-ए-कौसर मेरे//9 'Maahir' تیری بھی پیاس بجھا دینگے لب تر میرے ملنے تو آ جا کبھی شام ڈھلے گھر میرے //1 میرا منزل کی تشفی سے سروکار نہیں مجھ کو بھٹکا دے رۂ عشق میں رہبر میں میرے //2 فوقیت اب میری قنبے میں کہاں باقی رہی ہو گئے طفل بھی اب کد میں برابر میرے //3 دیتے ہیں انکو تو تنخواہ میرے بچہ اب اب میری بات کہاں سنتے ہیں نوکر میرے //4 اب تو 'ارشاد' بھی کہتے نہیں محفل میں کبھی لوگ جو سنتے تھے اشعار مقرر میرے //5 رہ گئے لفظ میرے خالی مکانوں کی طرح لے گیا کون خیالات چرا کر میرے //6 تونے کیا چھو دیا چاہت کی ہری ڈالی کو ہو گئے غنچۂ احساس مو'اتر میرے //7 کرنی ہوگی تجھے مر کر بھی تلافی اک دن کب تلک خوش رہیگا پیسے دباکر میرے //8 'راز' آئیگا پس مرگ تیرے میخانے گھونٹ دو پینے کو اے ساقی کوثر میرے //9 'Maahir' लब-ए-तर-भीगे होंठ तशफ़्फ़ी-सान्त्वना, ढाढ़स, दिलासा, तसल्ली, रोगमुक्ति, शिफ़ा, इतमीनां, सुकून सरोकार-परस्पर व्यवहार का संबंध, लगाव, मतलब, प्रयोजन, वास्ता रह-ए-इश्क़-प्रेम का मार्ग रहबर-मार्गदर्शक,पथप्रदर्शक,राह दिखाने वाला फ़ौक़ियत-प्रधानता,तरजीह,श्रेष्ठता,उत्तमता,प्राथमिकता,वरीयता,महानता,बड़प्पन,क़द्र तिफ़्ल-बालक,बच्चा,लड़का इरशाद-आज्ञा,आदेश,फ़रमान,मुशायरों के दौरान गायक द्वारा शेर पेश करने के लिए श्रोताओं द्वारा प्रयुक्त अनुमति सूचक शब्द अशआर-शेर का बहुवचन मुकर्रर-दोबारा,पुनः,दोहराना,फिर,एक बार और,पुनः,फिर,दुबारा। चाहत-चाहत,चाह,इच्छा,अभिलाषा,आसक्ति,आकांक्षा किसी को पाने की इच्छा,प्रेम,इश्क़,अनुराग,प्रीति,आसक्ति,लगाव ग़ुंचा-ए-अहसास-अनुभूति की कली मो'अत्तर-सुगंधित,सुवासित,खुशबू में बसा हुआ,इत्र में बसा हुआ,ख़ुशबूदार,महकता हुआ तलाफ़ी-हानि की पूर्ति,नुक़्सान का बदला,क्षतिपूर्ति,भरपाई,हरजाना,बदला,परिणाम,प्रतिकार पस-ए-मर्ग-मृत्यु के बाद साक़ी-ए-कौसर-कौसर(स्वर्ग के एक कुंड,हौज़ या नहर का नाम)की शराब पिलाने वाला
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