आदाब दोस्तो, 'अंजुमन ’ तरही मुशायरे की पूरी टीम बेहद ख़ुलूस ओ एहतराम के साथ 'अंजुमन ' मुशायरे की सफलतम 100 वीं कड़ी लेकर बेहद खुशी के साथ आप सबों के बीच फिर हाज़िर है। इस तरही मुशायरे में आज हम बहरे मीर के तहत आने वाली साढ़े पांच रुक्नी बहर को अभ्यास हेतु लेकर आएं हैं और इसी सिलसिले में पेश कर रहे हैं मशहूर शायर " जनाब असद भोपाली साहब ” की ग़ज़ल का ये ख़ूबसूरत मिसरा, आशा करते हैं कि आप सभी पूर्ववत इस आयोजन में बढ़ चढ़कर हिस्सा लेंगे, तो प्रस्तुत है आज का तरही मिसरा...... मिसरा-ए-तरह का विवरण- -------------------------- #मापनी 👇 22-22-22-22-22-2 --------------------------------- ‘ Shar का सूना साज़ तराना ढूंढेगा ’ ---------------------------------------- पूरा शे'र (मतले सहित)👇 ---------------------------------------- पूरा शे'र(अन्य शे'र सहित)👇 दिल का सूना साज़ तराना ढूँढेगा मुझको मेरे बाद ज़माना ढूंढेगा //१// प्यार धड़कते दिल का ठिकाना ढूँढेगा, वक्त मेरे गीतों का खज़ाना ढूँढेगा //२// क़ाफिया की तुक - ' आना ' का तुकान्त। उदाहरण - निशाना,पुराना,खजाना,तराना, ज़माना,खाना, गाना,दाना,परवाना,याराना,आदि, रदीफ़ -ढूँढेगा, ********************** तरही मुशायरा ,अंजुमन के नियम 👇: ---------------------------------------------------- 1. हर मुशायरे का तरही मिसरा प्रत्येक शनिवार को ग्रुप के पटल पर प्रस्तुत किया जाएगा। 2. प्रत्येक प्रतिभागी को कम से कम 2 अशआर (आवश्यक रूप से एक मतला एवं एक शेर या मक़ता) एवं अधिक से अधिक 7 अशआर (एक मतला और छह शे'र अथवा एक मतला, पांच शे'र, एवं एक मक़ता, अथवा दो मतला, दो शेर, एवं एक मक़ता) कहने हैं, न दो अशआर से कम, और न ही 7 अशआर से ज़्यादा. ज़ाहिर सी बात है एक से अधिक मतला होने की स्थिति में अन्य अशआर की संख्या कम हो जाएगी. इस 7 शेर के कोटे में कोई भी प्रतिभागी अधिकतम 3 मतला कह सकेगा. 3. प्रत्येक प्रतिभागी को अपने सातों शेर अथवा सात शेर की पूरी ग़ज़ल एक बार और एक कमेंट बॉक्स में ही डालनी है, अलग-अलग दिन, अथवा अलग-अलग कमेंट बॉक्स में नहीं. बिना मतले के कोई भी प्रविष्टि स्वीकार नहीं की जाएगी अर्थात डिलीट कर दी जाएगी. कृपया ध्यान दें कि कमेंट बॉक्स गुरुवार को रात्रि 12.00 बजे बंद कर दिया जाएगा जिसके बाद कोई भी कमेंट कर पाना संभव नहीं होगा। 4. प्रत्येक प्रतिभागी के लिए आवश्यक होगा- a. प्रविष्टि में सबसे ऊपर उसकी मापनी लिखी जाएगी, b. उसके बाद सभी शेरों की प्रविष्टि लिखी जाएगी, c. प्रविष्टि के प्रत्येक शेर का क्रमांक लिखा जाएगा, d. उसके बाद नीचे उन्हीं सात अशआर को बह्र के अनुरूप तक़तीअ कर के लिखा जाएगा, यहाँ भी शेर क्रमांक लिखना आवश्यक होगा, e. उसके बाद प्रतिभागी का नाम, एवं f. अंत में कठिन शब्दों के अर्थ। 5. प्रत्येक प्रतिभागी के लिए आवश्यक होगा कि वो समीक्षक मंडल द्वारा दिए गए सुझावों पर गौर करें तथा उसके आधार पर, मिसरे, शे’र अथवा ग़ज़ल में आवश्यक रद्दोबदल करें। 6. प्रत्येक प्रतिभागी के लिए यह आवश्यक होगा कि वो दूसरे प्रतिभागियों की प्रस्तुति पर अपनी उपस्थिति लाइक करके एवम अपनी टिप्पणी के माध्यम से दर्शाए । 7. जब तक चल रहा तरही मुशायरा संपन्न नहीं हो जाता है, तब तक कोई भी प्रतिभागी अपनी ग़ज़ल को न तो MGIGL के मंच पर प्रस्तुत करेगा, और न ही कहीं अन्य समूह या अपनी वॉल पर। 8. पुनः, कृपया ध्यान दें कि कमेंट बॉक्स गुरुवार को रात्रि 12.00 बजे बंद कर दिया जाएगा जिसके बाद कोई भी कमेंट कर पाना संभव नहीं होगा। 'Maahir'