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A personal blog by Pavan Kumar "Paavan"
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8:22 PM
Article Published by : PAVAN KUMAR SHARMA,' PAAVAN &MAAHIR
फ़ैज़ अहमद फ़ैज़ साहिब की एक मशहूर ग़ज़ल है- आए कुछ अब्र कुछ शराब आए, उसके बाद आए जो अज़ाब आए ! पेश है इसी ज़मीन पर कही ये ग़ज़ल, अर्ज़ किया है- इश्क़ में गर हमारे ताब आए उसके भी हुस्न पे शबाब आए //1 फ़ेल मैं हो गया मुहब्बत में मेरे नंबर बहुत ख़राब आए //2 उसने रक्खी ये शर्त मिलने की पहले दारू, मटन क़बाब आए //3 दुन्या कहती है इश्क़ है लेकिन उसके मुँह से भी कुछ जवाब आए //4 हिज्र की शब है आरज़ू मेरी जब भी नींद आए, उसका ख़्वाब आए //5 बस वो हो जाए बोसा-ज़न मेरा फिर जो आए तो इंक़िलाब आए //6 मिलने को आए जो भी कह दो उसे साथ लेकर ख़ुम-ए-शराब आए //7 तुमने बोये हैं ख़ार मिट्टी में और है आरज़ू गुलाब आए //8 इतनी ग़ज़लें लिखी हैं क्या बोलूँ मुझमें इल्हाम बेहिसाब आए //9 उसका बोसा भी बेनक़ाब आए//10 (collected by) 'maahir ताब-शक्ति,ज़ोर,ताक़त,बल,सामना,विरोध आदि करने की शक्ति,मजाल या हिम्मत,सामर्थ्य,मक़्दूर,आराम,चैन ज्योति,आभा,चमक,दीप्ति,जैसे:-मोती या हीरे की ताब! शबाब-उठती जवानी,तरूणाई,युवाकाल,यौवनकाल,युवावस्था,जवानी,यौवन,तारुर्म्य,किसी वस्तु या भाव की उत्तम अवस्था बोसा-ज़न-चूमनेवाला,चुंबन करने वाला इंक़िलाब-उलट-पलट,परिवर्तन,स्थित उलटना,समय का उलट-फेर,किसी स्थित की विपरीत में होने की अवस्था,तबदीली,क्रांति ख़ुम-ए-शराब-शराब से भरा मदिरा का मटका अथवा पीपा ख़ार-काँटा इल्हाम-ईश्वर की ओर से हृदय में आई हुई बात,ईश्वरीय ज्ञान या प्रेरणा बोसा-प्रेम के आवेग में होने से(किसी दूसरे के)गाल,होंठआदिअंगों को स्पर्श करने या या दबाने की क्रिया,चुंबन में होठों से एक स्पर्श,चुम्मा,चुंबन बेनक़ाब-जिसपर नक़ाब या परदा न हो,जिसका चेहरा ढका न हो!
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