पास वो आता नहीं क्यों आजकल, इश्क़ भी करता नहीं क्यों आजकल।१ साथ है उम्मीद, यादें तेरा ज़िक्र, वक़्त फिर कटता नहीं क्यों आजकल।२ बेसबब झगड़ा है करता मुझसे वो, बनता वो मेरा नहीं क्यों आजकल।३ दौर कोई पीने का होता नहीं, ज़हर भी मिलता नहीं क्यों आजकल।४ किससे अब फ़रियाद करनी है मुझे, तुझको मैं भूला नहीं क्यों आजकल।५ हाथ में कोई नहीं है जब लक़ीर, रब से फिर रूठा नहीं क्यों आजकल।६ बात है छेड़ी बज़्म में, अपना भी तड़पा नहीं क्यों आजकल।७ 'Maahir'(collection by)