हमारी आन है हिंदी, हमारी शान है हिंदी। मगर अब तक न पा पाई, राष्ट्र भाषा का सम्मान हिंदी। यही तुलसी यही मीरा इसी के बन गए कबीरा। मिलता बरस में सिर्फ एक दिन है इसी बात ने मन चीरा। पितृ पक्ष सा पक्ष मनाते, जन जन की है प्यारी हिंदी! मान यही है हिन्द देश की, पूजित सबकी भाषा हिंदी। भाव सुधा से परिपूरित है, स्नेहसिक्त इसकी बोली है! प्रेम भाव फैलाने वाल,ी प्यारी है मातृ भाषा हिंदी। 'Paavan'