मारे जाएँगे जो बोलेंगे वे तो मारे ही जाएँगे वे भी मारे जाएँगे जो चुप रहेंगे जो गाएँगे विरुदावलियाँ पढ़ेंगे क़सीदे चाटेंगे तलवे बचेंगे वे भी नहीं आग की दुकान खोले बसे हैं बीच बजार एक हों या हों हज़ार जलेगी उनकी भी होली विवेकहीन होती है आग कुछ मरेंगे जलकर कुछ मारकर जलाए जाएँगे जो जुलूस में शामिल हैं वे तो मरेंगे ही जो छिपे आरामगाहों में एक रोज़ वे भी मारे जाएँगे मारे जाने से ठीक पहले कुछ लोग होंगे ज़िंदा पर जो पहले से ही मरे हैं वे भी मारे जाएँगे 'Paavan Teerth'