रखेंगे न कोई निशाँ मेरे बाद वो बेचेंगे मेरा मकाँ मेरे बाद /1 वसीयत में सब लिख दिया साफ़ साफ़ रहेगा न कोई गुमाँ*मेरे बाद /2 *संदेह लिखा है इसे मैंने चट्टान पर न बदलेगा मेरा बयाँ मेरे बाद /3 मेरी क़ब्र पाओगे ख़ामोश तुम सुनोगे न मेरा फ़ुग़ाँ*मेरे बाद /4 *रोना अभी हैं सलामत मेरे दोस्त सब न वीरान होगा मुग़ाँ*मेरे बाद /5 *शराबखाना न काँटे चुभेंगे न महकेंगे गुल न लहराएंगी डालियाँ मेरे बाद /6 ये मोती छुपा कर रखें हैं अभी दिखेंगे ये दर्द-ए-निहाँ*मेरे बाद /7 *छुपी हुई पीड़ा चराग़ों को रौशन करेंगे नहीं न खोलेंगे वो खिड़कियाँ मेरे बाद /8 मेरे बाद सामान सारा जुटा लगाई गईं कुर्सियाँ मेरे बाद /9 ज़माना कहे मुझ को आतिश-फ़िशाँ* रहेगा ज़रा सा धुआँ मेरे बाद /10 *ज्वालामुखी जो सुन कर ग़ज़ल फेर लेते हैं मुँह बजाएंगे वो तालियाँ मेरे बाद /11 अभी राज़ मुझ से समझ सब न सुलझेंगी ये गुत्थियाँ मेरे बाद /12 'Maahir'(collected by)