नया साल जो गुज़र गया,सो गुज़र गया, अब सपने पूरे हो जायें। इक घाट पे शेर बकरी हों, नया साल मुबारक हो जाये।। हम आज कितने बेबस हुये, जन पीड़ा को कहने वाले, दोषी को गर सज़ा हो जाये। नया साल ---------------------------- ।। नन्ही कलियां मसलीं जातीं, औरतों पर क्यूं पहरा है, ये आशियाने हैं पुरखों के, प्रशासन अंधा व बहरा है, नया साल --------------------------- ।। हर इन्सां हो मयस्सर रोटी, नियत न हो हाकिम की खोटी, नया साल ---------------------------- ।। हर साल दें मुबारकबादें, फिर वही चीख़ वा फ़रियादें, नफ़रत - नफ़रत खेल रहे सब, मज़लूमों की ख़ूनी यादें, काश ! पुराना वक़्त आ जाये। नया साल --------------------------- ।। आज मसीहा ऐसा आये, नफ़रत की दीवार गिराये, जियो - जीने दो का हो नारा, फ़सल मुहब्बत की लहराये, धरतीपुत्र संतुष्ट हो जाये। नया साल --------------------------- ।। नव प्रभात की हर्षित बेला, सलमा विदा हो जाये तेईस, लोकतंत्र को साथ में लाना, स्वागत है तथागत चौबीस, वसुधैव कुटुंबकम आ जाये। नया साल -----------................II