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A personal blog by Pavan Kumar "Paavan"
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8:33 PM
Article Published by : PAVAN KUMAR SHARMA,' PAAVAN &MAAHIR
चूहों की भरमार है बाबा ये ग़ल्ला बाज़ार है बाबा//1 वोट मैं अपने मन से दूँगा ये मेरा अधिकार है बाबा//2 रह्म करे वो हम मुफ़्लिस पर जिसकी भी सरकार है बाबा//3 डर तो लगता है,लड़की का चाचा थानेदार है बाबा//4 बीड़ी मैं सुलगाऊँ कैसे पास मेरे सरदार है बाबा//5 लोग यहाँ पीते हैं दारू ये चखना बाज़ार है बाबा//6 नफ़रत से मस्जिद भी महकी मंदिर भी बू-दार है बाबा//7 उसको याँ का हाल बताओ वो जो पालनहार है बाबा//8 '' का क्या है उस पर रब की किरपा अपरंपार है बाबा//9 शब्दार्थ- --------------- •ग़ल्ला- अन्न, अनाज, धान्य, दाना। •रह्म- रहम, दया •मुफ़्लिस- ग़रीब, निर्धन •चखना- शराब के साथ खाया जाने वाले खाद्य पदार्थ, जैसे चिप्स, भुना हुआ चना, मूंगफली, बादाम, काजू इत्यादि •बू-दार- बदबूदार, दुर्गंधयुक्त •याँ का- यहाँ का •किरपा- कृपा का देसी, बिगड़ा रूप •अपरंपार- अपार, असीम
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