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A personal blog by Pavan Kumar "Paavan"
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7:34 PM
Article Published by : PAVAN KUMAR SHARMA,' PAAVAN &MAAHIR
आप क्यों इतना तमतमाए हैं किसकी अम्मा से मिल के आए हैं//1 एक पगड़ी उठा नहीं सकते सर पे क्यों आसमाँ उठाए हैं//2 मीलों पैदल चले हैं जंगल में कुछ तो पूछो कि कैसे आए हैं//3 कब तू होगा तुलू'अ खिड़की पर कब से हम टकटकी लगाए हैं//4 नुस्ख़ा कोई नया न बोलो तुम नुस्ख़े सब हमने आज़माए हैं//5 चार घण्टे हैं रात होने में पर वो ठरकी हैं, अकबकाए हैं//6 गार्ड बोला नहीं हैं मैडम जी आप क्यों इतना सज के आए हैं//7 यूँ न दिखते हैं हम परेशाँ हाल 'राज़'हमने भी ग़म उठाए हैं//8
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