skip to main |
skip to sidebar
RSS Feeds
A personal blog by Pavan Kumar "Paavan"
A personal blog by Pavan Kumar "Paavan"
![]() |
![]() |
7:55 PM
Article Published by : PAVAN KUMAR SHARMA,' PAAVAN &MAAHIR
ख़मोश लब हैं झुकी हैं पलकें दिलों में उल्फ़त नई नई है, अभी तकल्लुफ़ है गुफ़्तुगू में अभी मोहब्बत नई नई है.!! अभी न आएगी नींद तुम को अभी न हम को सुकूँ मिलेगा, अभी तो धड़केगा दिल ज़ियादा अभी ये चाहत नई नई है.!! बहार का आज पहला दिन है चलो चमन में टहल के आएँ, फ़ज़ा में ख़ुशबू नई नई है गुलों में रंगत नई नई है.!! जो ख़ानदानी रईस हैं वो मिज़ाज रखते हैं नर्म अपना, तुम्हारा लहजा बता रहा है तुम्हारी दौलत नई नई है.!! ज़रा सा क़ुदरत ने क्या नवाज़ा कि आ के बैठे हो पहली सफ़ में, अभी से उड़ने लगे हवा में अभी तो शोहरत नई नई है.!! बमों की बरसात हो रही है पुराने जाँबाज़ सो रहे हैं, ग़ुलाम दुनिया को कर रहा है वो जिस की ताक़त नई नई है.!! 'Maahir'
![]() |
Post a Comment