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A personal blog by Pavan Kumar "Paavan"
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7:34 PM
Article Published by : PAVAN KUMAR SHARMA,' PAAVAN &MAAHIR
मुख़्तसर बात कर और इतना बता, साबित आख़िर तुझे यार!करना है क्या!/1 दोस्ती था,मुहब्बत था या था जुनूं , तर्क जो हो गया वो था क्या राब्ता!/2 दिल में जो दर्द है,बेशक बेदर्द है, डर है मुझको न कर दे कहीं ये फ़ना!/3 पोंछ पाई नहीं उसके आंसू मैं तब, जब खड़ी कठघरे में थी मेरी वफ़ा!/4 जुड़ता दिल तो जुदा तुझसे कर देती मैं, तुझसे तो जुड़ चुकी है मेरी आत्मा!/5 तेरी मूरत को सजदे किए थे जहां, कैसे तोडूं बता अब मैं वो बुतकदा!/6 दिन वो अच्छे थे जब हम ज़रा दूर थे, क़ुर्बतें क्या बढ़ीं हो गया फ़ासला!/7 पास आना सबब दूरियों का सही, फिर भी कहता है दिल पास आ पास आ!/8 चांद के पहलू में कल सितारा था जो, गर्दिश-ए-वक्त में वो कहीं खो गया!/9 छू के हंसती थी दोनों की नज़रें जिसे, तेरे बिन अब रुलाता है वो चन्द्रमा!/10 थाम कर हाथ तेरा थी जिस पर चली, अब चिढ़ाता है मुझको वही रास्ता!11 क्या कहूं ?पूछता है चमन मुझसे जब, क्यूं हो तन्हा?कहां है तेरा बेलिया?12 मैंने पतवार ख़ामोशी की थाम ली, दिल में जब शोर का इक तलातुम उठा!/13 दर्द-ए-दिल जाते जाते ही जाएगा अब, सीख ले सहना और मुस्कुरा!/14 'Maahir'(collected by)
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