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A personal blog by Pavan Kumar "Paavan"
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7:17 PM
Article Published by : PAVAN KUMAR SHARMA,' PAAVAN &MAAHIR
ग़ज़ल_غزل: १६२ ------------------------- 2122-2122-2122-212 इस नदी की धार में ठंडी हवा आती तो है, नाव जर्जर ही सही, लहरों से टकराती तो है। #दुष्यंत_कुमार दोस्तो, आज हिंदी जगत के महान ग़ज़लकार श्री दुष्यन्त कुमार साहिब की 45 वीं पुण्यतिथि है। इस मौके पर मैं उन्हें उन्हीं की ज़मीन पर लिखी अपनी इस ग़ज़ल के साथ श्रद्धा सुमन अर्पित करता हूँ। अर्ज़ किया है- #बात_वो_करती_नहीं_पर_मुझसे_शर्माती_तो_है #हम_जला_लेंगे_दिये_में_तेल_और_बाती_तो_है بات وہ کرتی نہیں پر مجھ سے شرماتی تو ہے ہم جلا لیں گے دیئے میں تیل اور باتیں تو ہیں//۱ आओ हम सूबे की उनसे मुश्किलें कहने चलें ये सड़क यारो नई दिल्ली तलक जाती तो है //२ آؤ ہم صوبے کی ان سے مشکلیں کہنے چلیں یہ سڑک یارو نئی دلی تلک جاتی تو ہے//۲ हो भी सकता है डराने लोग उसके आए हों आदमी उसके मुहल्ले का ख़ुराफ़ाती तो है //३ ہو بھی سکتا ہے ڈرانے لوگ اس کے آئے ہوں آدمی اس کے محلے کا خرافاتی تو ہے//۳ उनकी लड़की है कुँवारी अब तलक तो क्या हुआ उनका भी कहना सही है, मसअला ज़ाती तो है //४ ان کی لڑکی ہے کنواری عب تلک تو کیا ہؤا ان کا بھی کہنا صحیح ہے، مسئلہ ذاتی تو ہے//۴ है अगर दूल्हा जो रूठा, और दूल्हा देख लें घर पे मण्डप, बैंड, बाजा, और बाराती तो है //५ ہے اگر دُولھا جو روٹھا, اور دُولھا دیکھ لیں گھر پے منٹ منڈپ، بینڈ باجا، اور باراتی تو ہے//۵ रहने दो गुलशन कहाँ हम जाएँगे बीवी मेरी तितलियों के साथ मुझको देख चिल्लाती तो है //६ رہنے دو گلشن کہا ہم جائیں گے بیوی میری تتلیوں کے ساتھ مجھ کو دیکھ چلاتی تو ہے//۶ मैंने माना अब कोई रिश्ता नहीं है आपसे आपके देखे से दिल में सूई चुभ जाती तो है //७ میں نے مانا اب کوئی رشتہ نہیں ہے آپ سے آپ کے دیکھے سے دل میں سوئی چبھ جاتی تو ہے//۷ कुछ तो उसके दिल में भी पंगा है यारो इश्क़ का मेरे खिड़की पे बुलाने से वो आ जाती तो है //८ کچھ تو اس کے دل میں بھی بنگاہے یارو عشق کا میرے کھڑکی پہ بلانے سے وہ آ جاتی تو ہے//۸ हो असर उसपे 'नवादा' की रविश का क्यों नहीं 'राज़' कुछ कुछ मामलों में अब भी देहाती तो है //९ وہ اثر اس پہ نوازا کی روش کا کیوں نہیں راز کچھ کچھ معاملوں میں اب بھی دیہاتی تو ہے//۹ #सूबा- राज्य, प्रदेश, रियासत #ख़ुराफ़ाती- ख़ुराफ़ात करने वाला, उपद्रवी #मसअला- समस्या, मुद्दआ #ज़ाती- व्यक्तिगत, पर्सनल #गुलशन- फूलों की बगिया, वाटिका #नवादा- बिहार का वो शह्र जहाँ मैं पैदा और बड़ा हुआ #रविश- अंदाज़, मिज़ाज, तरीका, चाल चलन, अचार व्यवहार देहाती- गाँव देहात का, गँवार
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