ग़ज़ल- कौन होता है किसी का ? वास्ता सब से सभी का। आइने में साफ़ दिखता, एक कारण त्रासदी का। मानते कानून को वो, वाकिया है किस सदी का ? बंधुता, आजादी, समता, वक़्त है क्या मसखरी का ? कष्ट में भी ढूँढ लें सुख, फ़लसफा है ज़िन्दगी का। कौन कीमत दे सका है, आँख की यारो नमी का। दुश्मनी से जान पाए, क्या है ‘’ क़द किसी का। फ़लसफा=दर्शन, Philosophy