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A personal blog by Pavan Kumar "Paavan"
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1:06 PM
Article Published by : PAVAN KUMAR SHARMA,' PAAVAN &MAAHIR
मुख़्तसर बात कर और इतना Sang साबित आख़िर तुझे यार!करना है क्या?/1 दोस्ती था,मुहब्बत था या था जुनूं तर्क जो हो गया वो था क्या राब्ता!/2 दिल में जो दर्द है,बेश बेदर्द है डर है मुझको न कर दे कहीं ये फ़ना/3 पोंछ पाई नहीं उसके आंसू मैं तब जब खड़ी कठघरे में थी मेरी वफ़ा/4 जुड़ता दिल तो जुदा तुझसे कर देती मैं तुझसे तो जुड़ चुकी है मेरी आत्मा/5 तेरी मूरत को सजदे किए थे जहां कैसे तोडूं बता अब मैं वो बुतकदा/6 दिन वो अच्छे थे जब हम ज़रा दूर थे क़ुर्बतें क्या बढ़ीं हो गया फ़ासला/7 पास आना सबब दूरियों का सही फिर भी कहता है दिल पास आ,पास आ/8 चांद के पहलू में कल सितारा था जो गर्दिश-ए-वक्त में वो कहीं खो गया/9 छू के हंसती थी दोनों की नज़रें जिसे तेरे बिन अब रुलाता है वो चन्द्रमा/10 थाम कर हाथ तेरा थी जिस पर चली अब चिढ़ाता है मुझको वही रास्ता/11 क्या कहूं?पूछता है चमन मुझसे जब क्यूं हो तन्हा?कहां है तेरा बेलिया?/12 मैंने पतवार ख़ामोशी की थाम ली दिल में जब शोर का इक तलातुम उठा/13 दर्द-ए-दिल जाते जाते ही जाएगा अब "अंगिरा"सीख ले सहना और मुस्कुरा/14
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